सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह इस बात का परीक्षण करेगा कि व्यभिचार (एडल्टरी) को अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए या नहीं। कोर्ट ने साफ किया कि वह इस पर गौर नहीं करेगा कि व्यभिचार को जेंडर न्यूट्रल कानून बनाना जाए या नहीं?
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» व्यभिचार को जेंडर न्यूट्रल कानून बनाने पर विचार नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट
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